
बंगलार जागरण डॉट कॉम संवाददाता
पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिले के दीघा में नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर के भव्य उद्घाटन समारोह के दौरान एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मुलाकात ने सबका ध्यान खींचा। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष अपनी पत्नी के साथ ममता बनर्जी के साथ कुछ समय तक बातचीत करते नजर आए। यह मुलाकात उस समय हुई जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर मंदिर के उद्घाटन और प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में हिस्सा लेने दीघा पहुंची थीं।

पुरी के 12वीं सदी के प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर की प्रतिकृति के रूप में निर्मित दीघा का यह जगन्नाथ धाम 250 करोड़ रुपये की लागत से हाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (HIDCO) द्वारा विकसित किया गया है। मंदिर का प्रबंधन इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) के जिम्मे है। उद्घाटन समारोह में ममता बनर्जी ने महायज्ञ में हिस्सा लिया और बंगाल की सांस्कृतिक विरासत को रेखांकित करते हुए कहा, “यह मंदिर बंगाल के गौरव और सद्भाव का प्रतीक है। यह न केवल तीर्थस्थल बनेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।”
दिलीप घोष की प्रतिक्रिया:
BJP नेता दिलीप घोष ने इस मुलाकात को सौहार्दपूर्ण बताते हुए कहा, “ममता बनर्जी के साथ मेरी और मेरी पत्नी की मुलाकात सामान्य शिष्टाचार के तहत हुई। हमने मंदिर के महत्व और इसके सांस्कृतिक मूल्य पर चर्चा की। यह धार्मिक आयोजन था, और इसमें कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं था।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि दीघा का जगन्नाथ मंदिर बंगाल की धार्मिक और पर्यटन क्षमता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
सुकांत मजूमदार का बयान:
पश्चिम बंगाल BJP अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने इस मुलाकात पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए कहा, “जगन्नाथ मंदिर का उद्घाटन बंगाल के लिए गर्व का क्षण है। दिलीप घोष और ममता बनर्जी की मुलाकात को राजनीतिक रंग देने की जरूरत नहीं है। यह एक धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जहां सभी को एकजुट होकर बंगाल की समृद्ध परंपरा का सम्मान करना चाहिए।” उन्होंने ममता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “हालांकि, TMC को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस मंदिर का प्रबंधन पारदर्शी हो और इसका राजनीतिकरण न हो।”
शुभेंदु अधिकारी की टिप्पणी:
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस मुलाकात पर तंज कसते हुए कहा, “ममता बनर्जी को धार्मिक आयोजनों में दिखावटी भक्ति से बचना चाहिए। दीघा का जगन्नाथ मंदिर बंगाल की आस्था का केंद्र बनेगा, लेकिन TMC की नीतियां अक्सर हिंदू भावनाओं का राजनीतिक उपयोग करती हैं। दिलीप दा की मुलाकात को मैं शिष्टाचार के रूप में देखता हूं, लेकिन TMC को अपनी नीयत साफ रखनी होगी।” उन्होंने मंदिर के विकास में राज्य सरकार के योगदान की सराहना की, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि “BJP हमेशा सनातन संस्कृति के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध रहेगी।”
तृणमूल कांग्रेस की प्रतिक्रिया:
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता जयप्रकाश मजूमदार ने इस मुलाकात को सामान्य घटना बताते हुए BJP पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, “ममता बनर्जी ने दीघा में जगन्नाथ मंदिर के निर्माण की घोषणा की और इसे साकार किया। यह उनकी दूरदर्शिता का परिणाम है। BJP के नेता अब इसमें राजनीति ढूंढ रहे हैं, क्योंकि उनके पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है।” उन्होंने आगे कहा, “ममता दीदी की अगुवाई में बंगाल सांस्कृतिक और धार्मिक सद्भाव का प्रतीक बना है। BJP को इस मंदिर के उद्घाटन से प्रेरणा लेनी चाहिए।”
राजनीतिक विश्लेषण:
राजनीतिक हलकों में इस मुलाकात को लेकर चर्चाएं तेज हैं। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह मुलाकात BJP और TMC के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच सौहार्द का संदेश दे सकती है, खासकर तब जब 2026 के विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। दूसरी ओर, कुछ का कहना है कि दोनों पार्टियां इस धार्मिक आयोजन का उपयोग अपनी-अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक छवि को मजबूत करने के लिए कर रही हैं।।